प्रयागराज, नवम्बर 5 -- प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि सजायाफ्ता या विचाराधीन बंदी को जमानत मंजूर होने की जानकारी तत्काल दी जानी चाहिए। ज्यूडिशियल सिस्टम या सरकारी तंत्र की शिथिलता के कारण कोई भी बंदी एक दिन भी जेल में निरुद्ध न रहने पाए। जमानत आदेश सीधे जेल प्राधिकारियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। कोर्ट ने हाईकोर्ट की सीपीसी व एनआईसी नई दिल्ली को ई-प्रिजन पोर्टल के माध्यम से जमानत आदेश जेल अधीक्षक तक तत्काल पहुंचाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि बंदी किस जेल में बंद है, हाईकोर्ट के जमानत व आपराधिक अपील अनुभाग में इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने कौशाम्बी की सोहराब उर्फ सोराब अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने याची क...