बदायूं, अगस्त 20 -- बदायूं। जिला अस्पताल से दरोगा की मां का हत्यारोपी भागने का मामला नया नहीं है। यहां बंदियों की सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों के दामन पर पहले भी लापरवाही के दाग लगे हैं। यहां जेल से लाए गए बंदी ने कभी पुलिस कस्टडी में आत्महत्या कर ली तो कभी शहर में डबल मर्डर की वारदात को अंजाम देकर जमीन हड़पने समेत माहौल बिगाड़ने की साजिश तक कर डाली। इन मामलों में पुलिसकर्मियों पर लापरवाही के मुकदमे भी लिखे गए लेकिन उन फजीहतों से महकमे के अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक किसी ने सबक नहीं लिया। साल 2013 में मरहूम हिस्ट्रीशीटर नईम उर्फ राजा जेल से खुद को बीमार बताकर जिला अस्पताल में शिफ्ट हुआ था। यहां उसने सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से सेटिंग की और एक को अपनी गाड़ी से मथुरा-वृंदावन घूमने भेजा तो दूसरे की भी व्यक्तिगत इच्छाएं पूरी कीं। इसक...
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