नई दिल्ली, सितम्बर 18 -- दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी आवास का आवंटन पूरी तरह से अधिकारियों की मनमानी पर आधारित नहीं हो सकता। अदालत ने यह बात गुरुवार को आम आदमी पार्टी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई के दौरान कही, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक बंगले की मांग की गई है। इस दौरान अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह आवासीय आवंटन के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई मौजूदा नीति को एक हलफनामे में दर्ज कर कोर्ट को बताए, जिसमें पूर्व में किए गए आवंटनों और उस नीति के क्रियान्वयन का भी खुलासा किया गया हो। याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव और संपदा निदेशालय के निदेशक को इस मामले ...