देहरादून, सितम्बर 20 -- उत्तराखंड की उतार-चढ़ाव भरी राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चंद्र खंडूड़ी भी यहां बड़े उलटफेर का शिकार होने से नहीं बच पाए। 2012 में 'खंडूड़ी है जरूरी नारे के बीच आंतरिक गुटबाजी में वह कोटद्वार विधानसभा का चुनाव हार गए और भाजपा वापस सत्ता में लौटने से चूक गई। दिल्ली कर राजनीति छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चंद्र खंडूड़ी 2007 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए। उनकी अगुवाई में भाजपा ने यूकेडी और निर्दलीय विधायकों के बूते उत्तराखंड में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। खंडूड़ी ने तब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए उपचुनाव में उतरना पड़ा। धुमाकोट से दो बार के कांग्रेस के विधायक लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत ने उनक...
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