गुड़गांव, दिसम्बर 4 -- गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। फ्लैट का कब्जा देने में देरी पर एमआर एमजीएफ लेंड लिमिटेड को याचिकाकर्ता को सात साल का ब्याज देना होगा। यह आदेश हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण ने याचिकाकर्ता और बिल्डर का पक्ष सुनने के बाद सुनाए हैं। पिछले साल सेक्टर-65 स्थित एमराल्ड फ्लोर प्रीमियर निवासी राजीव कर और नंदिनी कर ने हरेरा में याचिका दायर की थी। इसमें बताया था कि फरवरी, 2012 में बिल्डर-खरीदार समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। मई, 2014 में फ्लैट का कब्जा मिलना था। 1.15 करोड़ रुपये में सौदा हुआ था। फ्लैट की एवज में करीब 1.23 करोड़ का भुगतान कर चुके हैं। मार्च, 2021 में फ्लैट का कब्जा सौंपा गया। इस मामले की सुनवाई करीब एक साल तक हरेरा में चली। बिल्डर की तरफ से अपना पक्ष हरेरा में रखा गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हरेरा स...