नई दिल्ली, अगस्त 26 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में लंबित मामलों की संख्या को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के जजों के लिए फैसला सुनाने की समय सीमा तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट के जजों को रिजर्व रखे गए मामलों पर 3 महीने के भीतर फैसला सुनाना होगा। इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने जजों द्वारा महीनों तक फैसले सुरक्षित रखने की प्रथा पर नाराजगी भी जाहिर की है। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुरक्षित फैसले सुनाने में इतनी देरी बेहद चौंकाने वाली और आश्चर्यजनक है। उच्चतम न्यायालय में रवींद्र प्रताप शाही द्वारा दायर अपील पर सुनवाई चल रही थी, जिसमें 2008 से लंबित एक आपराधिक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों को चुनौती दी गई थी। बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक 24 ...