प्रयागराज, मार्च 24 -- प्रयागराज, संवाददाता। विश्व टीबी (तपेदिक) दिवस पर सोमवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से संगोष्ठी हुई। इस मौके पर एएमए के सचिव व श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष गुप्ता ने कहा कि टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह फेफड़ों को अधिक प्रभावित करता है। डॉ. आशुतोष ने कहा कि टीबी दुनिया के सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। 2015 में एक लाख की आबादी में टीबी के 237 मरीज थे, वहीं 2023 में इसी के सापेक्ष मरीजों की संख्या घटकर 195 रह गए हैं। टीबी से मृत्य दर में 21.4 प्रतिशत की कमी आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 2023 और देश में 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि टीबी की पहचान करके यदि समय से इलाज शुरू कर दिया जाए तो पूरी तरह से निदान संभव है। अस्पतालों में...