नई दिल्ली, मई 14 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फुटपाथ पर चलने के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत लोगों के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा बताया। अदालत ने कहा कि फुटपाथ लोगों का संवैधानिक अधिकार है। जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने देशभर में सड़कों पर फुटपाथ के अभाव और अतिक्रमण पर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश को आड़े हाथ लेते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने इस पर कड़ी नराजगी भी जताई। शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पैदल चलने वाले लोगों के लिए सड़क किनारे फुटपाथ सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने का निर्देश दिया। पीठ ने केंद्र सरकार को भी पैदल चलने वालों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने दिशा-निर्देश दो माह के भीतर अदालत के रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया है। लोग सड़कों पर चलने को मजबूर जस्ट...