नई दिल्ली, अगस्त 1 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 14 मई के अपने आदेश के अनुपालन में केंद्र और राज्य सरकारों को पैदल चलने वालों के अधिकारों की रक्षा के लिए दिशा नहीं बनाए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। शीर्ष अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार को नियम बनाने का 'एक आखिरी मौका दिया है, जिसमें दिव्यांगजनों के लिए फुटपाथ सुलभ बनाना भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को फुटपाथ पर चलने के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत लोगों के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा बताया था। शीर्ष अदालत ने देशभर में सड़कों पर फुटपाथ के अभाव और अतिक्रमण पर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश के सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए यह टिप्पणी की थी। पीठ ने इसे देश की राजधानी सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पैदल यात्...
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