महावीर सिंह चौहान। देहरादून, अगस्त 23 -- तेजी से बढ़ता कंक्रीट का जंगल, बेतरतीब विकास और अनियोजित निर्माण ने देहरादून की पहचान रही हरी-भरी वादियों को खतरे में डाल दिया है। मानक के अनुसार, यहां कुल विकसित क्षेत्र में से 18% हरित क्षेत्र होना चाहिए, लेकिन एमडीडीए के मास्टर प्लान में सिर्फ 5.98% ही हरित क्षेत्र दर्शाया गया है। पार्क, बाग-बगीचे या खुले मैदान एक से 2% तक सीमित हो गए हैं। लिहाजा, दून निगम हरियाली बढ़ाने की ओर फोकस करने जा रहा है। बीते कुछ माह में 20 हेक्टेयर से अधिक जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई गई है। इसे ग्रीन एरिया और पार्क में बदलने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। देहरादून नगर निगम के नगर आयुक्त नमामी बंसल ने कहा, नगर निगम के विभिन्न वार्डों में जिन सरकारी जमीनों को कब्जामुक्त कराया गया है, उनको ग्रीन एरिया के रूप में विकसित कि...
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