नई दिल्ली, जून 1 -- 1971 में पाकिस्तान से आजाद हुआ बांग्लादेश आज एक बार फिर उसी दिशा में जाता दिख रहा है, जहां से उसने कभी अलगाव चुना था। 2024 के अगस्त में भड़की छात्र आंदोलनों से शुरू हुई राजनीतिक उथल-पुथल ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया और इसके बाद सैन्य हस्तक्षेप ने बांग्लादेश की सत्ता व्यवस्था को हिला कर रख दिया। संकट की निर्णायक घड़ी तब आई जब सेनाध्यक्ष जनरल वाकर-उज-जमान ने सेना को शेख हसीना के कर्फ्यू आदेश न मानने के निर्देश दिए। इसके बाद सेना के समर्थन से नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में एक अंतरिम सरकार की स्थापना हुई। टाइम्स नाऊ ने अपनी एक रिपोर्ट में राजनीतिक विश्लेषकों से हवाले से कहा है कि यह घटनाक्रम 1999 में पाकिस्तान में हुए तख्तापलट से मेल खाते हैं। उस समय जनरल परवेज मुशर्रफ ने न...