बिजनौर, अगस्त 21 -- जिले में लगातार कार्रवाई के बावजूद नकली दवा के काले कारोबार से लोग बाज नहीं आ रहे। ताजा मामले में फिर से एक एंटीबायोटिक दवा का नमूना नकली पाया गया है। कैमिस्ट के पास बिल नहीं मिला और बनाने वाली कंपनी औषधि निरीक्षक को ढूंढे हाथ नहीं लगी। कैमिस्ट तथा सभी संबंधित के विरुद्ध औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने सीजेएम कोर्ट में वाद दायर किया है। नकली दवा साबित होने पर न्यूनतम 10 साल कैद से अधिकतम उम्रकैद तक का प्रावधान है। औषधि निरीक्षक उमेश कुमार भारती ने बीती 3 मई 25 को मंडावर क्षेत्र के दयालवाला स्थित आरके मेडिकल स्टोर से संदेह के आधार पर वोरसेफ-200 एलबी टेबलेट (सेफिक्सिम व लेक्टिक एसिड बेसिलस) का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था। मेडिकल स्टोर संचालक रोहित कुमार पुत्र लक्ष्मीचंद निवासी मीरावाला खारपुर, थाना ककरौली, तहसील जानसठ, मु...