मनीला, सितम्बर 23 -- नेपाल की तर्ज पर अब फिलीपींस में हंगामा मचा है। घटनाओं का सिलसिला वही पुराना लग रहा है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में जेन जी के नौजवान भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। कुछ वैसा ही नजारा फिलीपींस में भी दिखाई दिया। सोचिए, बाढ़ रोकने के नाम पर 9.5 अरब डॉलर उड़ जाएं, तो जनता क्या करेगी? हर मानसून में देश तबाह हो जाता है। अस्पतालों में फंडों की किल्लत, स्कूल के बच्चे डूबती सड़कों से गुजरते हैं, जबकि ठेकेदारों के लग्जरी गाड़ियों का काफिला सड़कों पर दौड़ता नजर आता है। राष्ट्रपति मार्कोस ने खुद स्वीकार किया है कि अधिकांश परियोजनाओं में अनियमितताएं हैं। वास्तव में, सरकारें सत्ता हासिल करती हैं, सुधारों के लुभावने वादे बांटती हैं, फिर घोटाले फूट पड़ते हैं, जनता सड़कों पर उतर आती है और सरका...