नई दिल्ली, मई 1 -- जेल में बंद नेताओं को भी चुनाव प्रचार करने की अनुमति मिलनी चाहिए और इसके लिए निर्वाचन आयोग को एक मेकेनिज्म तैयार करना चाहिए। ऐसी मांग वाली अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को पहुंची तो दिलचस्प बहस देखने को मिली। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की बेंच ने कहा कि ऐसा आदेश हम चुनाव आयोग को नहीं दे सकते। यही नहीं उन्होंने कहा कि ऐसी परमिशन देना तो बहुत रिस्की और खतरनाक होगा। अदालत ने अर्जी को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसी परमिशन देने पर तो जेलों में बंद खतरनाक अपराधी भी चुनाव से पहले अपनी पार्टी बना लेंगे और उसके लिए कैंपेन की परमिशन मांगेंगे। याची अमरजीत गुप्ता के वकील से जस्टिस मनमोहन ने कहा, 'ऐसे तो दाऊद इब्राहिम भी पार्टी बना लेगा और चुनाव में उतरेगा क्योंकि वह दोषी नहीं है। हम ऐसे किसी व्यक्ति को प्रचार की परमिश...