बाराबंकी, फरवरी 8 -- बाराबंकी। लिम्फेटिक फाइलेरिया हाथीपांव एक गंभीर रोग है, जो आजीवन विकलांगता का कारण बन सकता है। इसका एकमात्र बचाव फाइलेरिया रोधी दवाएं (एल्बेंडाजॉल, डी.ई.सी. एवं आइवरमेक्टिन) का सेवन करना है। सर्वजन दवा सेवन अभियान 10 फरवरी से 25 फरवरी तक स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर नि:शुल्क दवा खिलाएंगे। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है, जो फाइलेरिया संक्रमण को रोकने में मदद करती है। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवधेश कुमार यादव ने सीएमओ सभागार में आयोजित जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला में कहीं। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग के लक्षण मच्छर काटने के 5 से 15 वर्षों के बाद नजर आते हैं। एक बार बीमारी हो जाने पर इसका कोई इलाज नहीं है, ऐसे में बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है। यह दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभी...