हल्द्वानी, अगस्त 9 -- मोहन भट्ट हल्द्वानी। उत्तराखंड में जंगली सुअर और नीलगाय (वनरोज) के फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। काश्तकारों की मांग पर शासन ने विभिन्न शर्तों के साथ जंगली सुअर व नीलगाय को मारने (आखेट) की अनुमति दे दी है। पर्वतीय इलाकों में बंदर और जंगली सुअरों ने खेती को काफी नुकसान पहुंचाया है। जबकि मैदानी इलाकों में नीलगाय, जंगली सुअर और बंदर तीनों फसलों को चौपट कर रहे हैं। लगातार हो रहे नुकसान की वजह से कई लोगों ने खेती करना ही छोड़ दिया है। पहाड़ों से पलायन का भी ये एक बड़ा कारण माना जाता है। परेशान ग्रामीणों की ओर से लगातार उठाई जा रही मांग के बाद अब सरकार ने जंगली सुअर व नीलगाय को मारने की अनुमति दे दी है। इन्हें तभी मारा जा सकता है जब ये खेतों में नुकसान कर रहे हों। शासन ने इन...