रामपुर, सितम्बर 19 -- कृषि विभाग की ओर से किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। विभागीय अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को समझा रहे हैं कि धान की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को आग न लगाएं। उप कृषि निदेशक राम किशन सिंह ने बताया कि पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे अगली फसल की पैदावार पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा आग लगाने से हमारे मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। खेतों में फसल अवशेष कदापि न जलाएं, प्रबंधन यंत्रों से प्रबंधन या अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर मृदा स्वास्थ्य संरक्षित करें। उन्होंने किसानों से अपील की है कि किसान पराली को निराश्रित गोआश्रय स्थलों में दान करें, जो सर्दियों में उनके चारे व बिछावन में उपयोग हो सकती है।
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