मेरठ, सितम्बर 10 -- फर्जी स्टांप घोटाले के आरोपी ने जमानतियों के सत्यापन की रिपोर्ट पर थानों की फर्जी मुहर लगाकर जमानत ली थी। एक आरोपी जेल से बाहर भी आ गया था। इस साजिश का हिन्दुस्तान अखबार ने खुलासा करते हुए खबर प्रकाशित की थी। एसएसपी और डीएम मेरठ ने जांच का आदेश दिया था। सीओ सिविल लाइन की जांच में खुलासा हुआ कि जमानती सत्यापन की जो रिपोर्ट कोर्ट भेजी गई, उस पर टीपीनगर और लालकुर्ती थानों की फर्जी मुहर लगाई गई थी। जिन दरोगा के नाम से रिपोर्ट भेजना दर्शाया गया, वो थाने में तैनात ही नहीं हैं। इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज करने और आरोपियों के खिलाफ विस्तृत जांच की सिफारिश की। एसएसपी ने मुकदमे का आदेश किया है। मेरठ में वर्ष 2023 में करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप घोटाले का खुलासा हुआ था। इन फर्जी स्टांप(टेंपर स्टांप पेपर) की मदद से विशाल वर्मा...