नई दिल्ली, नवम्बर 27 -- झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका (PIL) को लेकर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई कर दी। कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि इस जनहित याचिका में राज्य सरकार ने जूनियर लेवल के पुलिस अधिकारी से हलफनामा दाखिल करवाया था, जबकि यह काम किसी वरिष्ठ अधिकारी को करना था। यह PIL आदिवासी युवकों को एक्सट्रीमिस्ट (चरमपंथी) बताते हुए उनके कथित 'फर्जी सरेंडर' के मामले में दायर की गई है। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा कि संवेदनशील मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों के हलफनामे की जरूरत होती है, इसके साथ ही अदालत ने DGP को इस मामले में हलफनामा फाइल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने सुनवाई के दौरान अदालत में कहा कि DSP रैंक के अफसर ने जानबूझकर यह ह...
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