रुद्रप्रयाग, जुलाई 15 -- फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर छल-कपट से नौकरी करने के दोषी शिक्षक को अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई है जबकि 10 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी के आदेश पर शिक्षक को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दंडादेश भुगतने तक चमोली स्थित पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया है। अब तक जनपद में 28 फर्जी शिक्षकों को सजा हो चुकी है। लक्ष्मण सिंह रौथाण पुत्र केदार सिंह रौथाण ने जनता इण्टर कॉलेज देवनगर, रुद्रप्रयाग में फर्जी बीएड वर्ष 2003 की डिग्री के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी। शिक्षा विभाग की एसआईटी और विभागीय जांच के अनुसार उक्त शिक्षक को फर्जी बीएड की डिग्री से नौकरी प्राप्त करने पर उसकी बीएड की डिग्री का सत्यापन कराया गया। सत्यापन के बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ उत्तर प्रदेश से जांच आ...