नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस में ड्राइवर के पद पर भर्ती के दौरान फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) लगाने वाले उम्मीदवार को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने जानबूझकर हुए फर्जी लाइसेंस का इस्तेमाल किया और पुलिस विभाग को धोखा देने की कोशिश की। हालांकि वह चयन प्रक्रिया के अंतिम चरण तक पहुंचने के बावजूद भी नियुक्त नहीं हो पाया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रीति की अदालत ने आरोपी दिमान सिंह को आईपीसी की धारा 420, 511 और 471 के तहत दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी ने वर्ष 2009 में दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल (ड्राइवर) भर्ती में आवेदन देते समय मथुरा परिवहन विभाग का ड्राइविंग लाइसेंस जमा किया था। जांच में पता चला कि यह लाइसेंस आरोपी के नाम का नहीं, बल्कि एक अन्य व्यक्...
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