नई दिल्ली | निखिल पाठक, दिसम्बर 17 -- साकेत जिला अदालत ने एक फर्जी कानून की डिग्री और जाली दस्तावेजों के आधार पर वकील के रूप में नामांकन कराने के आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं और मामले में साजिश की परतें खोलने के लिए हिरासत में उससे पूछताछ आवश्यक हो सकती है। यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शुनाली गुप्ता की अदालत ने दिया। अदालत आरोपी जे. वंसंथन की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। अदालत ने आदेश में कहा कि आरोप सिर्फ आवेदक तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जांच में ऐसे अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराने वाला एक सिंडिकेट चला रहे हैं। अदालत ने कहा कि इस पूरे षड्यंत्र को उजागर करने औ...