कानपुर, नवम्बर 7 -- फर्जी तरीके से 79.19 करोड़ की आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लेने के मामले में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अधिवक्ता की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। डीजीजीआई आरोपी को सोनीपत से पकड़कर लाई थी। विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि डीजीजीआई की टीम ने हरियाणा निवासी तुसाल रहेजा को 13 सितंबर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। जांच में पाया कि तुसाल ने फर्जी बिलों के जरिए 5.90 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की थी। आठ बोगस कंपनियों के नाम फर्जी आईटीसी क्लेम करके यह रुपये तुसाल ने लिए थे। इसी मामले में विवेचना के दौरान डीजीजीआई की टीम ने सीए लोकश उर्फ लोकेश हसीजा और अधिवक्ता अमन जिंदल को गिरफ्तार किया। आरोप है कि दोनों ने फजी आईटीसी बिल के जरिए 79.18 करोड़ रुपये की कर चोरी की है। अमन की जम...