लखनऊ, सितम्बर 23 -- जाली दस्तावेजों के सहारे बैंक से करोड़ों का कर्ज लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन दोषियों को सज़ा सुनाई है। अदालत ने बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन उप प्रबंधक पंकज खरे सहित तीन लोगों को तीन-तीन साल के कठोर कारावास की सजा और Rs.1.25 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, आरोपी कंपनी मेसर्स अनीता कॉन्ट्रैक्टर एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पर भी एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। सीबीआई को यह शिकायत 9 जुलाई 2008 को बैंक ऑफ इंडिया की हजरतगंज शाखा के सहायक महाप्रबंधक ने दी थी। शिकायत में बताया गया था कि साल 2004 से 2006 के बीच, आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंक से धोखाधड़ी करते हुए लोन मंजूर कराया था। इस धोखाधड़ी से बैंक को करीब Rs.6.80 करोड़ का बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ। इस मामले में, सी...