समस्तीपुर, मार्च 9 -- विभूतिपुर। प्रेम में समर्पण और त्याग की भावना एक साथ इसलिए जागृत होती है क्योंकि इसमें बंधन नहीं होता। प्रेम स्वतंत्र होता है। राधा और कृष्ण का प्रेम निश्छल था और इसमें भी कोई बंधन नहीं था। ये प्रवचन प्रखंड के खदियाही में आयोजित श्रीश्री 108 श्री विष्णु महायज्ञ में कथावाचिका अलका किशोरी ने कही। उन्होंने कहा कि जिसका हृदय सुंदर है, उसके हृदय में भगवान निवास करते हैं। सुंदर भीतर से होनी चाहिए, बाहर से नहीं। यदि आपका भाव सुंदर है तो आपका भीतर भी शुद्ध है। उन्होंने कथा के दौरान श्रीकृष्ण के लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया। मौके पर यजमान सत्यनारायण महतो, जनक दुलारी देवी, प्रमोद महतो, रिंकू देवी, सदानंद महतो, तिलिया देवी, बालगोविंद महतो, चंदा देवी, राम कुमार महतो समेत यज्ञ कमेटी के राजकली महतो, उमेश कुमार, मनीष कुमार पंकज, रा...
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