गौरीगंज, मार्च 23 -- शुकुल बाजार। संवाददाता क्षेत्र के दक्खिन गांव के खेल मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन रविवार को कथा वाचक आचार्य दिव्यांशु ने ध्रुव व विदुर चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि ईश्वर को निश्छल प्रेम से ही प्राप्त किया जा सकता है। कथा वाचक ने कहा कि अगर ध्रुव पांच साल की उम्र में भगवान को पा सकता है, तो फिर हम कैसे पिछड़ सकते हैं। अगर सच्चे मन से भगवान की भक्ति की जाए, तो भगवान खुद अपने भक्तों से मिलने पहुंच जाते हैं। वहीं विदुर प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की व्याकुलता के बारे में उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण विदुरजी की कुटिया में भोजन करने गए और वहां केले के छिलकों का भोग स्वीकारा। इससे पहले वे दुर्योधन के महल में छप्पन भोग का त्याग कर आए थे। भगवान तो प...