सिद्धार्थ, जून 1 -- डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के मल्हवार गांव के नवनिर्मित हनुमान मंदिर पर चल रहे श्रीरामकथा के तीसरे दिन शुक्रवार की रात कथावाचक स्वामी आलोकानंद ने राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनाई। इसे सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथावाचक ने बताया कि भगवान का दूसरा नाम प्रेम है और वह प्रेम के अधीन हैं। प्रेम के अतिरिक्त अन्य किसी साधन से नहीं रीझते हैं। प्रेमवश वह कुछ भी कर सकते हैं। कहीं भी सहज उपलब्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम केवट के समीप आए। गंगाजी का किनारा भक्ति का घाट है और केवट भगवान का परम भक्त है, किंतु वह अपनी भक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहता था। अत: वह भगवान से अटपटी वाणी का प्रयोग करता है। केवट ने हठ किया कि आप अपने चरण धुलवाने के लिए मुझे आदेश दे दीजिए तो मैं आपको नदी पार करा दूंगा। केवट ने भगवान स...