नई दिल्ली, जुलाई 16 -- Premanand Maharaj Latest: हिंदू धर्म में माना गया है कि 84 लाख योनियों का सफर तय करके ही किसी को मानव जीवन मिलता है। आपने भी बचपन से कई बार लोगों को ये कहते हुए सुना भी होगा। बता दें कि ये ऐसा चक्र होता है जिसमें आत्मा कई अलग-अलग योनियों में जन्म लेती है। माना जाता है कि इस चक्र को व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से ही निर्धारित किया जाता है। जब किसी को मनुष्य योनि मिलती है, तो उसे मोक्ष मिलने का एक अवसर मिलता है। जन्म और मृत्यु के इस च्रक पर हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी राय दी है। चलिए जानते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कहा है?84 लाख योनियां हैं माया का खेल राधावल्लभी संत प्रेमानंद महाराज अपने भजन-कीर्तन से मोक्ष प्राप्ति का ज्ञान देते हैं। तमाम लोग उनके भजन और सत्संग को सुनने दूर-दराज से भी आते हैं। हाल ही में ए...
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