छपरा, जुलाई 31 -- छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद और मध्यकालीन कवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के अवसर पर गुरुवार को गंगा सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा एक संगोष्ठी हुई। प्राचार्य प्रो प्रमेन्द्र रंजन सिंह ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं गरीबी, सामाजिक अन्याय, ग्रामीण जीवन और मानवीय मूल्यों पर केंद्रित थीं। वे मात्र एक लेखक नहीं, बल्कि हिन्दी जगत के अंतःकरण की आवाज थे। उनके उपन्यास गोदान, गबन, कर्मभूमि, रंगभूमि, सेवासदन तथा कुछ कालजयी कहानियों ईदगाह, कफन, पूस की रात, दो बैलों की कथा, ठाकुर का कुआं, नमक का दरोगा, बूढ़ी काकी आदि की चर्चा करते हुए प्राचार्य ने कहा कि यह दिन एक लेखक को स्मरण करने का अवसर नहीं, बल्कि साहित्य और समाज के संबंधों पर पुनर्विचार का दिन भी है। हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ संतोष कुमार सिंह ने ...