मुजफ्फरपुर, अगस्त 1 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। प्रेमचंद की दृष्टि में शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो वैज्ञानिक सोच विकसित करे। सत्य की खोज करे तथा अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना सिखाए। किंतु वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इस वैज्ञानिक सोच को कमजोर किया जा रहा है। ये बातें गुरुवार को प्रेमचंद जयंती समारोह सह शिक्षा और प्रेमचंद विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में प्रो. विजय कुमार जायसवाल ने कही। प्रेमचंद जयंती समारोह समिति की ओर से मोतीझील स्थित कार्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में साहित्यकार ब्रह्मानंद ठाकुर ने कहा कि प्रेमचंद के अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि इंसानियत और चरित्र निर्माण है। प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि प्रेमचंद की नजर में शिक्षा केवल व्यक्तिगत प्रगति का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक ...