प्रयागराज, जुलाई 31 -- कथा सम्राट व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरा छात्र मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर सीनेट परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर परिचर्चा की गई। प्रो. राजेंद्र कुमार अस्वस्थ होने की वजह से शहर में नहीं थे लेकिन वे ऑनलाइन मोड पर आभासी मंच से जुड़े। उन्होंने हजारी प्रसाद द्विवेदी के हवाले से कहा कि प्रेमचंद करुणा और विचारों के साझा साहित्यकार हैं, उनकी रचनाओं को पढ़ते हुए आप 10 मिनट रोएंगे तो 10 मिनट विचार भी करेंगे। आलोचक प्रो. कुमार वीरेंद्र ने संवाद परंपरा का परिचय देते हुए प्रेमचंद के इलाहाबाद से संबंधों व चांद पत्रिका पर बात की। प्रो. आशुतोष कुमार ने कहा कि प्रेमचंद का लेखन आमजन का लेखन है। उनके लेखन में चरित्रों का संघर्ष है तो पारिवारिक रिश्तों में चुहलबाजी भी खूब है। प्रो. राकेश सिंह ने कहा कि उनकी सभी कहानियां हो या उ...
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