मेरठ, दिसम्बर 25 -- बुधवार को रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी जैसी बीमारी के बारे में जानकारी दी। आरुण्या फाउंडेशन की संचालक वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कीर्ति जैन ने बताया कि प्रोजेक्ट नन्हीं आंखें (प्रोजेक्ट नन्ही आंखें) जो समयपूर्व जन्मे (असामयिक) शिशुओं में होने वाली रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी (आरओपी) जैसी गंभीर बीमारी से बचाने का प्रयास है। इस परियोजना का उद्देश्य देशभर में नवजात शिशुओं की आंखों की समय पर जांच सुनिश्चित करना और अंधेपन से बचाना है। उद्देश्य समय पर इस बीमारी की जांच एवं जागरूकता से इसे रोका जाना है। यह प्रयास न केवल एक प्रोजेक्ट है, बल्कि नई उम्मीद जगाने वाली पहल है। लगभग 40 लोगों की टीम ने सहयोग किया। डॉ. कीर्ति जैन ने बताया कि आने वाले समय में नन्हीं आंखें परियोजना को और अधिक जनपदों में विस्तारित किया जाएगा, ताकि को...