लखनऊ, अगस्त 8 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता बिना उपभोक्ताओं की सहमति के मीटर प्रीपेड मोड में चालू कर देने के खिलाफ शुक्रवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया। प्रदेश में एक अगस्त तक 2,54,000 उपभोक्ताओं के मीटर प्रीपेड मोड में लागू किए जा चुके हैं। उनकी जमा सिक्योरिटी को मीटर में रिचार्ज कर दिया गया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा द्वारा दाखिल प्रस्ताव में कहा गया है कि विद्युत अधिनियम-2003 के मुताबिक यह विकल्प उपभोक्ताओं को दिया गया है कि वे प्रीपेड मीटर लगवाएंगे या पोस्टपेड। बिना उनकी सहमति के प्रीपेड मीटर बाध्यकारी नहीं हो सकते हैं। अवधेश ने कहा कि प्रदेश में तमाम ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर तो लग गया है, लेकिन वे पोस्टपेड मोड में चल रहे हैं और उनके बिल भ...