सोनभद्र, जून 28 -- अनपरा,संवाददाता।पूर्वांचल-दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का लगभग 200 दिनों से अधिक समय से विरोध कर रही बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा भी उतर आया है। मोर्चा ने शनिवार को मुख्य मंत्री से निजीकरण का फैसला वापस लिये जाने की मांग की। आरेाप था कि भारत में लंबे संघर्ष के बाद क्रॉस-सब्सिडी की स्थापना की गई थी। निजीकरण के कारण क्रॉस सब्सिडी के बिना, 7.5 एचपी पंप-सेट का उपयोग करने वाले किसान को मासिक बिजली बिल के रूप में 10,000 रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा, जिसका अर्थ है सिंचाई लागत में असहनीय वृद्धि। किसान जो पहले से ही गंभीर कृषि संकट में हैं और खेती की बढ़ती लागत का सामना कर रहे हैं, वे खेती से छुटकारा पाने और पलायन करने की स्थिति में आ जाएंगे। आरोप लगाया कि विद्युत मंत्...