संभल, मार्च 23 -- कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित तीन दिवसीय चित्त प्रसादन कार्यशाला के अंतर्गत आज तीन सत्रों में व्याख्यान और योगाभ्यास कराया गया। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय योगाचार्य, व्याकरणाचार्य एवं वैदिक गुरुकुल डढीकर, अलवर के प्राचार्य डॉ. आचार्य प्रशांत जी रहे। डॉ. आचार्य प्रशांत जी ने बताया कि श्वास पर नियंत्रण से कार्यकुशलता और क्षमताओं का विकास होता है। उन्होंने कहा कि प्राण पर नियंत्रण होने से मन को भी नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे मानसिक शांति प्राप्त होती है। उन्होंने मैत्री और करुणा भाव के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि शारीरिक संतुलन के अभ्यास से हृदय शक्ति बढ़ती है और भूलने की समस्या में सुधार होता है। साथ ही, हाइपरटेंशन एवं डायबिटीज जैसी बीमारियों में भी योगाभ्यास से लाभ मिलता है। कार्यशाला में योग निद्रा ...