मुंगेर, जुलाई 20 -- जमालपुर, निज प्रतिनिधि। आनंदमार्ग प्रचारक संघ, जमालपुर की ओर से स्थानीय वलीपुर जागृति आश्रम परिसर में चल रहे तीन दिवीय जिला स्तरीय सेमीनार का दूसरा दिन संपन्न हुआ। सेमीनार में मुख्य प्रशिक्षक आचार्य रूद्र प्रकाशानंद अवधूत थे। उन्होंने प्राणधम और मानव शरीर एक जैविक यंत्र है विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्राण धर्म मानव अस्तित्व की अनिवार्यता है। किसी भी व्यक्ति, समाज या राष्ट्र की आत्मा उसके प्राणधर्म में निहित होती है। यह आंतरिक अनुशासन, जीवन-दृष्टिकोण और मूल्य जो मानव को पशुत्व से उठाकर दिव्यता की ओर ले जाते है। आनंद मार्ग के अनुसार, भारत की सभ्यता सदियों से एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर आधारित रही है, जहां जीवन का प्रत्येक पहलू साधना का ही अंग माना गया। उन्होंने कहा कि आनंद मार्ग का सामाजिक-आर्थिक दर्शन, उसकी श...