पूर्णिया, दिसम्बर 27 -- जलालगढ़, एक संवाददाता। जलालगढ़ प्रखंड के पोड़ा रामदेली पंचायत स्थित लगभग 200 वर्ष पुराने मजार पर चादर चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यह मजार पीर साहब शुजात अली की स्मृति में स्थापित है। उनके निधन के बाद उसी स्थान पर उनकी कब्र बनाई गई और बाद में वहां मजार का स्वरूप लिया। स्थानीय बुजुर्ग रियाज उद्दीन ने बताया कि यहां प्रतिवर्ष तीन दिवसीय मेला लगता है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता है कि मजार पर चादर चढ़ाने और मन्नत मांगने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी विश्वास के चलते बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ बंगाल, झारखंड और नेपाल से भी लोग यहां आते हैं। मजार पर सभी धर्मों के लोग श्रद्धा के साथ चादर, पूजा-पाठ और प्रसाद चढ़ाते हैं। यह स्थल आस्था, सौहार्द और विश्वास का प्रतीक माना जाता...