प्रयागराज, मई 22 -- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण मध्य क्षेत्रीय केन्द्र व पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र की ओर से गुरुवार को भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के सभागार में जैव विविधता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई। वैज्ञानिकों ने प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास विषय पर विचार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र के प्रमुख संजय सिंह ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन, वनों की अंधाधुंध कटाई और बढ़ते प्रदूषण के कारण जैव विविधता पर संकट है। ऐसे में प्रकृति के साथ सामंजस्य व सतत विकास के माध्यम से ही भावी पीढ़ियों के लिए समृद्ध पर्यावरण सुनिश्चित कर सकते हैं। वैज्ञानिक डॉ. विनय रंजन ने जैव विविधता के महत्व व संरक्षण के उपाय पर प्रकाश डाला। वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने जैव विविधता संरक्षण के प्रयास की जानकारी दी। वैज्ञानिक ...