हरिद्वार, दिसम्बर 12 -- उत्तराखंड संस्कृत विवि के योग विभाग और हिमाचल केंद्रीय विवि धर्मशाला के योग अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एक दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। 'वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्राकृतिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा का स्वास्थ्य संरक्षण में योगदान' विषय पर विशेषज्ञों ने मंथन किया। मुख्य अतिथि देव संस्कृति विवि के डीन (एकेडमी) प्रो. ईश्वर भारद्वाज ने कहा कि प्राकृतिक और वैकल्पिक चिकित्सा भारत की देन है और आज विश्वस्तर पर इसकी स्वीकृति बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि तनाव, अनियमित दिनचर्या, प्रदूषण और जीवनशैली के विकारों के बीच योग, प्राणायाम, प्राकृतिक चिकित्सा और सनातन उपचार मानवता के लिए आशा का आधार बनते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम इस क्षेत्र में शोध को बढ़ावा दे रहे हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ. कामाख्या कुमार ने कहा ...