बांदा, अक्टूबर 31 -- बांदा, संवाददाता। मौजूदा दौर में जिस तरह से अनियंत्रित दोहन करने से प्राकृतिक असंतुलन पैदा हो गया है, देश के किसान ही हैं जो इससे निपटने में मददगार बन सकते हैं। यह बात प्रगतिशील किसान व कार्यक्रम के संयोजक प्रेम सिंह ने गुरुवार को जीवन विद्या सम्मेलन में कहीं। बड़ोखर खुर्द स्थित प्रेम सिंह की बगिया में गुरुवार को 27वें जीवन विद्या सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों व विदेश से आए विषय विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। चार दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रेम सिंह ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की आपाधापी में एक तरफ किसानों की आबादी कम करने के सरकारी प्रयासों को किसानों की पहल पर ही प्रभावहीन बनाया गया। दुनिया के लगभग सभी विकसित देश हर दशक के अंतराल में मंदी के शिकार हो रहे हैं, लेकिन महज कृषि प्रधान देश ...
		
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