गंगापार, अक्टूबर 10 -- बारा क्षेत्र के लोहगरा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को कथावाचक पं निर्मल कुमार शुक्ल ने कहा कि प्रह्लाद ने खंभे से नृसिंह भगवान को प्रगट कर सिद्ध कर दिया कि कण कण में भगवान है। कहा कि नारद बाबा के चार शिष्य हैं जिनमें दो बृद्ध और दो बालक हैं किन्तु ए चारों अद्वितीय हैं। वृद्ध शिष्यों में वाल्मीकि और व्यास हैं वैसे ही बालक शिष्यों में ध्रुव और प्रह्लाद जी हैं। ‌ध्रुव ने सौतेली माता के अपमान से दुखी होकर इतनी कठिन तपस्या किया कि मात्र पांच महीने में ही भगवान प्रकट हो गए।नारद के दूसरे बालक शिष्य प्रह्लाद की कथा तो विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित कर गई। वक्ता ने जड भरत महाराज ऋषभदेव वृत्तासुर आदि पात्रों की विलक्षण कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।कथा में पं प्रभाकर शुक्ल डा दिवाकराचार्य त्रिप...