शाहजहांपुर, फरवरी 20 -- शाहजहांपुर। भारत सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन कर नया कानून लाने की तैयारी चल रही है। साथ ही साथ अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 का ड्राफ्ट बनाया गया है और उक्त बिल पास होकर कानून में परिवर्तित हो जाएगा। जिसको बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश सहित सभी जनपदों के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। अधिवक्ता अधिनियम संशोधन किए जाने के संबंध में सेन्ट्रल बार एसोसिएशन की ओर से एक सूचना जारी की गई है। जिसमें बताया गया कि उक्त बिल में ऐसे प्रावधान प्रस्तावित किए गये है, जोकि अधिवक्ताओं के हितो को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहे है। अधिवक्ताओं के संवैधानिक अधिकार अनुच्छेद-19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व अनुच्छेद-21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करता है। उक्त प्रस्तावित संशोधान से भविष्य में बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश व समस्...