गिरडीह, फरवरी 20 -- तिसरी। प्रसूति आदिवासी महिला पानो हेंब्रम की मौत की घटना के 30 घंटे के बाद भी न तो कोई अधिकारी और न ही किसी दल के बड़े नेता पीड़ित परिवार की सुध लेने लक्ष्मीबथान गांव पहुंचे हैं। सड़क और स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में हुई पानो हेंब्रम की मौत के बाद उनके परिजन और गांव के लोग अधिकारियों और बड़े नेताओं की आस में बुधवार को दिनभर घर के बाहर देहरी पर बैठे रहे। लेकिन कोई भी अधिकारी व नेता पीड़ित परिवार की आंसू पोंछने नहीं आए जिससे फिर एक बार लक्ष्मीबथान गांव के लोगों की उम्मीदें टूट गई। गांव के लोगों में आस थी कि पानो की मौत की घटना के बाद जिला के अधिकारी और सरकार व विपक्ष के सांसद और विधायक पीड़ित परिवार से मिलने लक्ष्मीबथान गांव आएंगे और गांव की दुर्दशा पर तरस खाकर सड़क बनवाने का काम करेंगे। साथ ही गांव में पानी और स्वास्थ्य ...