लखीसराय, दिसम्बर 4 -- लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। प्रसव के बाद नवजात के बेहतर देखभाल की जरूरत बढ़ जाती है। संस्थागत प्रसव के मामलों में शुरूआती दो दिनों तक मां और नवजात का ख्याल अस्पताल में रखा जाता है। गृह प्रसव मामलों में पहले दिन से ही नवजात को बेहतर देखभाल की जरूरत होती है। शिशु जन्म के शुरूआती 42 दिन अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान उचित देखभाल के अभाव में शिशु के मृत्यु की संभावना अधिक होती है। इसको ध्यान में रखते हुए होम बेस्ड न्यू बॉर्न केयर एचबीएनसी यानि गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम की शुरुआत किया गया है। कार्यक्रम के तहत संस्थागत एवं गृह प्रसव दोनों स्थितियों में आशा कर्मी को घर जाकर 42 दिनों तक नवजात की खास देखभाल करने का जिम्मेदारी दिया गया है। ----- संस्थागत प्रसव में छह एवं गृह प्रसव में सात भ्रमण: जिला अपर मुख्य च...