बगहा, मई 10 -- शतरंज खेलने वाले खिलाड़ियों को अनगिनत बाधाएं पार करनी पड़ रही है। शतरंज के 64 खानों में तो शह और मात देने के लिए वे हमेशा तैयार हैं। मेहनत भी करते हैं लेकिन बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएं नहीं मिलने से वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। जिला और राज्यस्तर तक वे अपनी बदौलत शतरंज में विपक्षी खिलाड़ियों को शह और मात दोनों दे रहे हैं, लेकिन इससे आगे बढ़ने के लिए उन्हें कई तरह की मदद की दरकार है। भारत में सबसे पुराने खेलों में गिनती होने वाले शतरंज से नये खिलाड़ियों का मोह भंग हो रहा है। कमलेंद्र नाथ बताते हैं कि प्रोफेशनल शतरंज को खेल के रूप में खेलने और ग्रैंड मास्टर से लेकर अन्य खिताब को जीतने के लिए बेहतर ट्रेनिंग और प्रशिक्षक की जरूरत है। लेकिन नगर में खेल विभाग द्वारा ऐसा कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, न ही कोई जगह दिया गया है। जहां ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.