गाजीपुर, अक्टूबर 29 -- गाजीपुर, संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी। प्रयोगशाला और जीवन के अनुभवों से भी छात्र जुड़ेंगे। जल्द ही इन विद्यालयों में 'लर्निंग बाय डूइंग' यानी 'करके सीखो' की नई शिक्षा संस्कृति लागू की जा रही है। इसके लिए नव चयनित विज्ञान और गणित शिक्षक अब 'कौशल शिक्षक' के रूप में तैयार किए जाएंगे। इसके लिए तैयारी शुरू हो गयी है। यह शिक्षक छात्रों में तार्किक शक्ति पढ़ाने का काम करेंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने पत्राचार के माध्यम से बीएसए को निर्देशित करते हुए कहा है कि अब विद्यालय में ज्ञान के केंद्र के साथ अनुभव की प्रयोगशालाएं भी बनेंगे। हमारा उद्देश्य है कि बच्चे निडर होकर प्रश्न पूछें और हर अध्यापक उनमें सोचने की शक्ति जगाने का माध्यम बनें। यह प्र...