नई दिल्ली, दिसम्बर 28 -- भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं में माघ मेला का खास महत्व है। इस स्नान को पापों से मुक्ति दिलाने और मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति मिलना माना जाता है। प्रयागराज जिसे संगम की नगरी भी कहते हैं, वहां साल 2025 में महाकुंभ लगा हुआ था, जिसमें लाखों लोगों ने स्नान किया। अब साल 2026 शुरू हो रहा है और नए साल की शुरुआत में ही कुंभ मेला लग रहा है। जी हां, 3 जनवरी से कुंभ का आरंभ हो रहा है। लोगों ने अभी से ही कुंभ मेले पर जाने की पूरी तैयारी कर ली है, अगर आप भी कुंभ का स्नान करना चाहते हैं, तो हम आपको सभी खास डेट्स और आने-जाने के बारे में पूरी डिटेल्स देने जा रहे हैं।कहां लगता है माघ मेला का मुख्य स्रोत है संगत, जहां पर गंगा, जमुना, सरस्वती नदियों का मिलन होता है। कहा जाता है कि ये नदियां अमृत सी पवित्र है क्योंकि समुद्र मंथन के दौ...