लोहरदगा, दिसम्बर 2 -- लोहरदगा, संवाददाता। लोहरदगा जिले में दिव्यांगजन को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कागजी प्रक्रिया की पेचीदगी, विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी और बार-बार होने वाली जांच की अनिवार्यता के कारण दिव्यांगजन सरकारी लाभ से कई बार कई महीनों तक वंचित रह जाते हैं। जिले के सदर अस्पताल में प्रत्येक बुधवार मेडिकल बोर्ड की बैठक होती है। जहां दिव्यांगजन की जांच कर दिव्यांगता का प्रतिशत तय किया जाता है और प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। लेकिन जिले में नेत्र चिकित्सक की स्थायी नियुक्ति नही होने के कारण नेत्र दिव्यांगजन की जांच नहीं हो पाती। इन्हें रांची सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से आने वालों को अतिरिक्त यात्रा, खर्च और समय की मार झेलनी पड़ती है। दिव्यांगता का प्रतिशत चिक...