चित्रकूट, नवम्बर 2 -- चित्रकूट। श्री रामचन्द्र पथ गमन ट्रस्ट मप्र, संस्कृति विभाग ने दार्शनिक शोध संस्थान पुरातत्व के सहयोग से प्रभु श्रीराम पर केंद्रित शोध संगोष्ठी पुरुषार्थ का आयोजन डीआरआई के आरोग्यधाम में किया। डॉ. मनीष दुबे ने कहा कि भगवान राम के वनवास दौरान मप्र से गुज़रे पथों को चिन्हित कर उनका आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व पर्यटन की दृष्टि से विकास करना है। उन्होंने रामायण कालीन अभियांत्रिकी और वर्तमान में उसके महत्व पर प्रस्तुतिकरण दिया। कहा कि रामायण में वर्णित इंजीनियरिंग वर्तमान के लिए एक श्रेष्ठ विकल्प है। क्योंकि उसमें इंजीनियरिंग के 18 ट्रेडों के 125 से अधिक बिंदु समाहित हैं। रामराज्य में इंजीनियरिंग की दिशा और दशा ठीक होने के कारण दैहिक, दैविक और भौतिक ताप से सभी प्राणी मुक्त थे। नलिन द्विवेदी सदस्य रामपथ गमन परामर्शदात्री समित...