सिद्धार्थ, मार्च 8 -- पथरा बाजार, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के सेवक सेहरी गांव में चल रहे विष्णु महायज्ञ में आचार्य हरिवेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने से समाज को लाभ मिलेगा। श्रीराम जैसा पुत्र, भाई और संसार में कोई नहीं हुआ। वह श्रीराम जो पिता के एक बार कहने पर अयोध्या जैसा साम्राज्य त्याग कर वन में चले गए और दूसरी तरफ अपने छोटे भाई भरत के प्रति भाव था कि अयोध्या का राजा मेरा भरत बने। कथावाचक ने बताया कि श्रीराम ने सुग्रीव और विभीषण से अगर मित्रता किया होता तो उस मित्रता का भली भाति निर्वहन करते हुए किष्किंधा और लंका को जीतने के बाद भी सुग्रीव को किष्किंधा और विभीषण को लंका का राजा बना दिया। दूसरी तरफ श्रीराम की बड़ाई उनका शत्रु रावण भी करने के लिए विवश हो गया। लंका में जब राम और रावण के बीच युद्ध का अंतिम चरण ...